यादें कुछ कहती हैं यादें कुछ बताती हैं यादें कुछ सुनती हैं यादें कुछ कहती हैं यादें कुछ बताती हैं यादें कुछ सुनती हैं
फिर क्यों ? जय किसान का नारा बदनाम किया। फिर क्यों ? जय किसान का नारा बदनाम किया।
वो फुरसत के सुहाने पल दिल आज भी ढूँढता रहता है ! तलाश है कुछ. . वो फुरसत के सुहाने पल दिल आज भी ढूँढता रहता है ! तलाश है कुछ. .
जिंदगी मेरे हिसाब से चलती है , कितना काम कितना समय देना है , सब तय पहले से करती चलती जिंदगी मेरे हिसाब से चलती है , कितना काम कितना समय देना है , सब तय पहले से...
बहुत कुछ है अभी बहुत कुछ है अभी
मुस्कुराना भी तुमसे है गुनगुनाना भी तुमसे है, जीने का हर बहाना भी तुमसे है ख़ुशी भी मुस्कुराना भी तुमसे है गुनगुनाना भी तुमसे है, जीने का हर बहाना भी तुमसे है...